संदीप कुमार
गाजीपुर। सरकारी नौकरी की चाह में एक युवक ने कानून की हदें पार कर दीं। भारतीय नौसेना में चयनित होने के बाद गाजीपुर जनपद के करंडा थाना क्षेत्र के सीतापट्टी गांव निवासी आदित्य सिंह ने खुद ही अपना चरित्र प्रमाण पत्र बना डाला। यही नहीं, उसने उसमें पुलिस अधीक्षक की नकली मुहर और जाली हस्ताक्षर भी जोड़ दिए — ताकि अधिकारी उस पर संदेह न करें।
पूरा मामला तब सामने आया जब नौसेना की ओर से दस्तावेजों की सत्यता को लेकर गाजीपुर पुलिस को 17 अप्रैल को एक ईमेल भेजा गया। नौसेना चिल्का की पीआरओ नम्रता पंत द्वारा भेजे गए मेल में चरित्र प्रमाण पत्र की जांच करवाई गई, जिसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
गाजीपुर पुलिस द्वारा शुरू की गई जांच में पता चला कि प्रस्तुत किया गया चरित्र प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी है। दस्तावेज में प्रयुक्त मुहर, हस्ताक्षर और जारी करने वाली संस्था — तीनों ही जाली पाए गए। यही नहीं, पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार आदित्य सिंह पर पहले से ही आपराधिक मामला दर्ज है, जिसे उसने जानबूझकर छिपाया।
चरित्र सत्यापन शाखा के लिपिक जग नारायण की तहरीर पर करंडा थाने में आदित्य सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा मामला
फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए देश की रक्षा प्रणाली में शामिल होने की कोशिश न सिर्फ एक आपराधिक कृत्य है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी अत्यंत चिंताजनक है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में सभी जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कड़ा संदेश
यह घटना उन लोगों के लिए सबक है जो गलत तरीकों से सरकारी नौकरियों में दाखिला लेने की कोशिश करते हैं। गाजीपुर पुलिस की मुस्तैदी से यह फर्जीवाड़ा समय रहते उजागर हो गया, जिससे एक बड़ी चूक होने से बच गई।