संदीप कुमार
नई दिल्ली, 13 मई 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुकी है। हाल ही में अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अपने पहले भाषण में उन्होंने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी और देशवासियों को भरोसा दिलाया कि भारत की सुरक्षा और सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होगा।

यह रहा पीएम मोदी के संबोधन का सारांश और 10 प्रमुख बिंदु:
- ऑपरेशन सिंदूर बना नया सामान्य (New Normal): प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंक के विरुद्ध कार्रवाई अब भारत की नियमित नीति का हिस्सा बन चुकी है। पाकिस्तान को इस नए रुख की आदत डालनी होगी।
- नारी शक्ति को समर्पण: पीएम मोदी ने ऑपरेशन की सफलता देश की महिलाओं को समर्पित करते हुए पहलगाम हमले में प्रभावित परिवारों की पीड़ा को याद किया।
- आतंक की फैक्ट्रियों पर सीधा हमला: पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके जैसे शहरों को आतंक की यूनिवर्सिटी बताते हुए पीएम ने चेताया कि जब तक ये केंद्र बंद नहीं होते, पाकिस्तान खुद को विनाश की ओर ले जाएगा।
- सिंदूर की रक्षा: प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि पाकिस्तान ने भारत की महिलाओं के सिंदूर को मिटाने की कोशिश की थी, और भारत ने इसका करारा जवाब दिया।
- 100 से अधिक आतंकियों का खात्मा: ऑपरेशन के तहत भारतीय बलों ने 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। पीएम ने इसे ‘दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब’ बताया।
- ड्रोन और रॉकेट नाकाम: पीएम ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से भेजे गए ड्रोन और रॉकेट भारत के डिफेंस सिस्टम के सामने बेअसर साबित हुए, जबकि भारत की जवाबी कार्रवाई में दुश्मन को भारी नुकसान हुआ।
- सीजफायर की याचना: प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान खुद सीजफायर की गुहार लगाता हुआ भारत के पास आया था और 10 मई को डीजीएमओ स्तर पर बातचीत हुई।
- परमाणु ब्लैकमेल नहीं चलेगा: भारत अब किसी भी प्रकार की परमाणु धमकियों से डरने वाला नहीं है। आतंकियों और उन्हें शरण देने वालों के बीच भारत कोई भेद नहीं करता।
- सिंधु जल संधि पर सख्त रुख: पीएम ने दो टूक कहा कि ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।’ आतंकवाद के साथ व्यापार संभव नहीं है।
- ‘यह युद्ध का युग नहीं, लेकिन आतंक का भी नहीं’: पीएम मोदी ने वैश्विक स्तर पर शांति की आवश्यकता दोहराते हुए साफ कहा कि भारत न युद्ध चाहता है न आतंक को सहन करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी के इस सख्त और आत्मविश्वास से भरे संबोधन से स्पष्ट है कि भारत अब किसी भी आतंकवादी चुनौती का जवाब कूटनीतिक नहीं, बल्कि निर्णायक रूप से देगा।